Oct 17, 2012

अधूरी क़ैद


यादों मे क़ैद थी तुम मेरी
अब जाओ तुम्हें आज़ाद किया
कुछ लम्हे जो साझे के हैं
धीरे धीरे बिसरा देना!

जब कमी खले तुम्हे किसी रोज़.....






May 17, 2012

आहटें


आहटें कराती हैं एहसास
ख़ामोशी का, सूनेपन का

ख़ामोशी, सूनापन...
जो बसा होता हे मन में
और फिर..
फैलता जाता है वातावरण में

आहटें कराती हैं एहसास
ख़ामोशी का, सूनेपन का|